Rekha mishra

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लेखनी प्रतियोगिता -06-Jan-2022

    नसीब का खेल 

खेल सब खेले लेकिन 
नसीब से हम हमेशा 
हारे ही हैं ये सच है। 
वैसे बेशक हम बहुत 
मेहनती हैं पर नसीब 
कि बात ना ही करें तो 
बेहतर, हमारे नसीब के 
दौड़ते सितारें है। 
हम तो वो है जो 
बुलंदियों पर पहुंच 
कर मात खा जाए। 
क्यूंकि नसीब के 
तेवर ऊँचे हमारे हैं। 
बहुत तकलीफ होती है 
जब कामयाबी हाथों से 
आँखों के सामने छूटती है 
नसीब की बात है 
उससे हमारी जरा कम 
पटती है। 

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8 Comments

Ravi Goyal

07-Jan-2022 07:44 AM

बहुत खूब 👌👌

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Rekha mishra

07-Jan-2022 12:46 AM

Thanks

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Niraj Pandey

07-Jan-2022 12:08 AM

बहुत खूब

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